Astrology

Thursday, October 15, 2009

जन्म राशि या प्रचलित नाम राशि में से किस राशि की प्रधानता -

जन्म राशि या प्रचलित नाम राशि में से किस राशि की प्रधानता - काफी लोगों के मन में यह दुविधा रहती है कि मेरा जन्म का नाम तो यह पर मैने दूसरा नाम रख लिया अब मै किस नाम अक्षर की राशि को देखू या किस नाम अक्षर के द्वारा अपना कार्य करू। हमें भविष्य में ध्यान रखना चाहिए कि जो अक्षर जन्म समय पर आया हो उसी पर नाम रखे। हम अगर घर में हवन, पूजा, संकल्प आदि कर रहे है तो उस समय हमारा जन्म अक्षर राशि का उपयोग लिया जाएगा। उसी प्रकार अगर हम नौकरी, व्यवसाय, परीक्षा, गाड़ी, पोपर्टी या अन्य किसी प्रकार का कार्य कर रहे है तो उस दौरान हमारा प्रचलित नाम (जिस नाम से हम कार्य करेगें) राशि को हम प्रधानता देगें।

वास्तु के उपयोग से परीक्षाओं में अपने आपको कैसे तैयार रखे -

अब परीक्षाओं का समय नजदीक आ रहा है। वैसे भी सर्दी का मौसम पढ़ने के लिए उचित माना गया है। हमें वर्ष पर्यन्त पढ़ना चाहिए लेकिन पारीक्षाएं जैसे-जैसे नजदीक आती है हम उतना ही सर्तक होने लगते है, और होना भी चाहिए। हम जितना पढ़ेंगें उतनी ही सफलता प्राप्त करेगें लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर हम अपनी सफलता सुनिश्चित अवश्य कर सकते है। जैसे कि हम वास्तु के कुछ नियमों का पालन करके ज्यादा पढ़ने पर भी उचित अंक प्राप्त न होना या पढ़ाई में मन कम लगना आदि समस्याओं का निवारण कर सकते है।जब हम अध्ययन करते है तो हमारा मुंह पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। पढ़ने की टेबल के सामने सरस्वती यंत्र, सरस्वती माता का चित्र या स्वास्तिक का चित्र लगा होना चाहिए। इससे पढ़ने में स्थिरता आएगी।अध्ययन कक्ष ज्यादा बड़ा न हो और न ही उसमें बहुत सारी वस्तुएं होनी चाहिए। इससे मन में अस्थिरता नहीं रहती है।अध्ययन कक्ष में सफेद, पीला या स्काई कलर अच्छा रहता है।अध्ययन करने से पहले एक बार ‘‘ऊॅ की ध्वनी अवश्य बाले इससे मन में शुद्धता रहेगी।

दीपावली - कैसे करें लक्ष्मी का स्वागत

दीपावली माता लक्ष्मीजी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। हमें भी मॉ लक्ष्मी का तन-मन से स्वागत करकें आर्शिवाद प्राप्त करना है ताकि हम जीवन को सुखमय बना सके। मॉ लक्ष्मी के पूजन हेतु सर्वप्रथम पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़के। उस स्थान पर पूरे परिवार सहित स्नान करके, साफ-सुथरे कपड़े पहन कर मॉ लक्ष्मी जी, मॉ सरस्वती जी एवं गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करें। आवश्यक पूजन सामग्री पास में रखें। पूजन के दौरान सर्वप्रथम गणेश जी का पूजन करें उसके बाद सरस्वती जी का तथा लक्ष्मीजी का पूजन करें। लक्ष्मी जी के पूजन के दौरान बेलपत्र व कमल का फूल चढावें। इस पूजा के दौरान सोने के आभूषण या सिक्के का अधिक महत्व है। इन सिक्कों को आप पूजा के दौरान वहां रखें। दीपावली पूजन के दौरान भगवान कुबेर का पूजन अवश्य करें। इससे पूरे वर्ष अन्न-धन भरा रहेगा। सुख शांति से विधि विधान द्वारा पूजा आरम्भ करें -पूजा करने का तरीका - सर्वप्रथम भूमि को गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें। तत्‌पश्चात अपने शरीर पर जल छिंटे छिड़क कर स्वयं को शुद्व करें। चांदी की थाली या अन्य थाली में कुमकुम से स्वातिक बनावें। उस पर सुपारी एवं मोली से बने गणेश जी विराजमान करें। गणेश जी पूजा करें। इन सब में मंत्रोच्चारण करने से पूजा सफल मानी जाती है। सर्वप्रथम गणेशजी के पानी से अभिषेक (जल छिड़के) करें। फिर कुमकुम एवं चावल चढ़ावें, फूल, पुष्पमाला अर्पित करें, पान, लौंग, इलायची, प्रसाद चढ़ावे, इत्र, धूप, बती करें, दक्षिणा(रूपये) चढावें। और हाथ जोड़कर गणेशजी से आर्शीवाद प्राप्त करें। सरस्वती पूजा हेतु मॉ सरस्वती जी का ऊपर वर्णित अनुसार पूजन करें। इस दिन नया पेन (कलम), कागज का पूजन करें। व्यापारी बहीखाता आदि का पूजन करें। मॉ लक्ष्मी जी का पूजन भी ऊपर वर्णित अनुसार करें। इस दिन प्रसाद में फूलिया, काचर, बेर, मेल-मालिया (शक्कर के बने होते), मतीरा आदि अवश्य चढ़ाया जाता है। एक बड़े दीपक में अखण्ड जोत रातभर जलाई जाती है। भगवान कुबेर जी हेतु उनका यंत्र बनाकर ऊपर वर्णित अनुसार पूजन करें। घर के सभी छोटे सदस्य अपनो से बड़े लोगों के पैर छूकर आर्शीवाद प्राप्त करें।

Sunday, October 4, 2009

अलग-अलग राशियों पर शनि का प्रभाव

मेष - मेष राशि के पिछला समय कष्टकारक रहा। परन्तु आने वाला समय महत्वपूर्ण परिवर्तन लेकर आएगा तथा राहत मिलेगी।

वृष - वृष राशि वालों को मानसिक तथा पारिवारिक कष्टों से राहत महसूस होगी। विद्यार्थियों को सफलता मिलेगी।

मिथुन - मिथुन राशि वालों के लिए शनि शुभ रहेगा। वाहन या फिक्स पोपर्टी खरीदने के संयोग बनेगें। स्वास्थ्य पर कुछ बुरा प्रभाव रहेगा।

कर्क - कर्क राशि वालों के लिए कष्टकारक समय समाप्त होगा। आर्थिक तथा मानसिक स्वास्थ्य लाभ होगा। कार्यक्षेत्र में उन्नति के अवसर प्राप्त होगें।

सिंह - सिंह राशि वालों के लिए शुभ समय की शुरूआत हुई है। कार्यक्षेत्र हेतु नये स्रोत मिलेगें। चहुमुंखी लाभ वाली स्थिति बनती है।

कन्या - कन्या राशि में साढे साती पिछले ढाई वर्षों से चल रही है यह समय कष्टकारक रहा। अब आगे का समय अच्छा रहेगा तथा कार्यक्षेत्र के नये रास्ते खुलेगें। रोगों से भी छुटकारा प्राप्त होगा।

तुला - तुला राशि वालों के लिए कुछ मानसिक तनाव हो सकता है लेकिन इसके साथ-साथ समय अंतराल अच्छा समय रहेगा। वाहन तथा पोपर्टी खरीदने के योग बनेगें।

वृश्चिक - वृश्चिक राशि वालों के लिए लाभ का समय है। विद्यार्थियों को अच्छे अवसर प्राप्त होगें। स्वास्थ्य का थोड़ा ध्यान रखे।

धनु - धनु राशि वालों के लिए समय थोड़ा कष्ट कारक रह सकता है। स्थान परिवर्तन के योग बनते है। विदेश यात्राएं हो सकती है।

मकर - मकर राशि वालों के लिए मिश्रित समय रहेगा। धनलाभ होगा तो शत्रु भी खड़े हो सकते है। कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रभाव रहेगा।

कुंभ - कुंभ राशि वालों के लिए शनि का ढैया मतभेद उत्पन्न कर सकता है। मानसिक तनाव रहेगा। स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा।
मीन - मीन राशि वालों के लिए समय बहुत अच्छा है। उन्नति एवं धनकारक रहेगा। यात्राएं होगी। पदोन्नति की संभावनाएं है।