Astrology

Tuesday, November 17, 2009

कौनसा रत्न पहने ?

कौनसा रत्न पहने ?

वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति के मन में यह सवाल उठता है हमें कौनसा रत्न धारण करना चाहिए ? साथ ही यह भी उत्सुकता रहती है कि जो रत्न धारण किया है वह सही है या गलत है। आज हम जिस भौतिक युग में जीवनयापन कर रहे है वहां हम रत्न, ज्योतिष या ऐसे ही साधनों के द्वारा अपने रोजमर्रा के कार्यों में फायदा प्राप्त कर सकते है। भाग्योदय में भी रत्नों योगदान रहता है। अनुकुल रत्न पहनने से ग्रह बली होते है तथा प्रतिकुल ग्रहों से बचाव होता है। रत्न पहनते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि रत्न हमारे शरीर को स्पर्श होना चाहिए (केवल हीरे को छोड़कर)। रत्न को हम लॉकेट या अंगूठी में जड़वाकर पहन सकते है। प्रत्येक रत्न के लिए हाथों की पृथ्क-पृथ्क अंगुलियों का उपयोग किया जाता है। इसी प्रकार सामान्यतया पुरूष को दाएं तथा स्त्री को बाएं हाथ में रत्न धारण करना चाहिए। रत्न को धारण करते समय यह देखना चाहिए कि चन्द्रमा पूर्ण होना चाहिए। समय, वार एवं नक्षत्र रत्न के अनुकूल हों।
माणिक्य - सूर्य ग्रह हेतु, अनामिका अंगूली, सोमवार
मोती - चंद्र ग्रह हेतु, अनामिका अंगूली, सोमवार
मूंगा - मंगल ग्रह हेतु, बीच की अंगूली, मंगलवार
पन्ना - बुध ग्रह हेतु, छोटी अंगूली, बुधवार
पुखराज - गुरू ग्रह हेतु, प्रथम अंगूली, गुरूवार
हीरा - शुक्र ग्रह हेतु, छोटी अंगूली, शुक्रवार
नीलम - शनि ग्रह हेतु, तर्जनी अंगूली, शनिवार
गोमेद - राहु ग्रह हेतु,
लहसुनिया -केतु ग्रह

1 comment: